बेटा तू मुझे समझ ही नहीं पायी, तेरे लिए तो मैं दुनिया से लड़ लेती,
तूने एक पल में हमे बेगाना कर दिया, पापा को भी रुला दिया मेरी गुडिया तूने,
पापा आज बेटी की विदाई से नहीं रोये पगली, पापा रो रहे थे अपनी लाडली की नादानी पर,
पापा रो रहे थे अपनी मज़बूरी पर, पापा रो रहे थे बेटा आपकी नासमझी पर,
बेटा आपने कभी कोशिश तो की होती, हमसे बात तो की होती,
आपने हमे अपना नहीं समझा, बेटा आपने मेरा नेह भुला दिया,
पापा का प्यार भुला दिया, हो सकता है आपने जिसके लिए ऐसा किया वो हमसे अच्छा हो,
बेटा आपने कभी ये नहीं सोचा हमने आपके लिए क्या नहीं किया,
आप तो जिद्दी हो बस, जो मन आता वही करती आई न शुरू से,
बचपन में गुडिया के लिए जिद्द, बड़ी हुई तो लैपटॉप के लिए जिद्द,
आपने तो जिद्द भी नहीं की इस बार, कैसे समझ लिया हम नहीं मानते आपकी,
काश बेटा आपने एक बार हमसे पूछ लिया होता, जो हम न मानते तो आप हमसे दूर जाती,
बेटा बच्चो के लिए ही माँ बाप हमेशा से जीते हैं, पर आज मैं हार गयी,
हार गयी बेटा मैं खुद से, हार गयी मैं समाज से आज,
आज जब बाज़ार निकली, तो लगा मैंने कोई चोरी की हो बेटा,
तू क्यों इतनी दूर चली गयी मेरी लाल, मैं लड़ लेती अगर तूने एक बार मुझे बता दिया होता,
बेटा माँ- बाप बच्चो से रूठा नहीं करते, गुस्सा होते हैं पर मनाना तो आपको ही पड़ेगा,
आपने हमारे प्यार को भुलाया है, हमारे नेह को ठुकराया है,
हमें तो हक़ है की हम आपसे उदास हो पर एक बार हमसे बात तो करो बेटा ,
हम सरे गम भुला देंगे, आप पर खुशियाँ लुटा देंगे, पर शुरुआत आपको करनी होगी,
पहल आपको करनी होगी, आखिर आपने रुलाया है हमें,
अंत में हम तो बस यही दुआ करते हैं
हे ईश्वर!!!!!!!!!!! मेरी बच्ची को खुश रखना, उसे उसकी नादानी की सजा मत देना,
और बेटा जब दिल रोये तो एक बार याद जरुर करना क्युकि माँ का दिल बहुत बड़ा है,
वो सब भुला देगी, एक बार कह तो देना बेटा आप....................
तूने एक पल में हमे बेगाना कर दिया, पापा को भी रुला दिया मेरी गुडिया तूने,
पापा आज बेटी की विदाई से नहीं रोये पगली, पापा रो रहे थे अपनी लाडली की नादानी पर,
पापा रो रहे थे अपनी मज़बूरी पर, पापा रो रहे थे बेटा आपकी नासमझी पर,
बेटा आपने कभी कोशिश तो की होती, हमसे बात तो की होती,
आपने हमे अपना नहीं समझा, बेटा आपने मेरा नेह भुला दिया,
पापा का प्यार भुला दिया, हो सकता है आपने जिसके लिए ऐसा किया वो हमसे अच्छा हो,
बेटा आपने कभी ये नहीं सोचा हमने आपके लिए क्या नहीं किया,
आप तो जिद्दी हो बस, जो मन आता वही करती आई न शुरू से,
बचपन में गुडिया के लिए जिद्द, बड़ी हुई तो लैपटॉप के लिए जिद्द,
आपने तो जिद्द भी नहीं की इस बार, कैसे समझ लिया हम नहीं मानते आपकी,
काश बेटा आपने एक बार हमसे पूछ लिया होता, जो हम न मानते तो आप हमसे दूर जाती,
बेटा बच्चो के लिए ही माँ बाप हमेशा से जीते हैं, पर आज मैं हार गयी,
हार गयी बेटा मैं खुद से, हार गयी मैं समाज से आज,
आज जब बाज़ार निकली, तो लगा मैंने कोई चोरी की हो बेटा,
तू क्यों इतनी दूर चली गयी मेरी लाल, मैं लड़ लेती अगर तूने एक बार मुझे बता दिया होता,
बेटा माँ- बाप बच्चो से रूठा नहीं करते, गुस्सा होते हैं पर मनाना तो आपको ही पड़ेगा,
आपने हमारे प्यार को भुलाया है, हमारे नेह को ठुकराया है,
हमें तो हक़ है की हम आपसे उदास हो पर एक बार हमसे बात तो करो बेटा ,
हम सरे गम भुला देंगे, आप पर खुशियाँ लुटा देंगे, पर शुरुआत आपको करनी होगी,
पहल आपको करनी होगी, आखिर आपने रुलाया है हमें,
अंत में हम तो बस यही दुआ करते हैं
हे ईश्वर!!!!!!!!!!! मेरी बच्ची को खुश रखना, उसे उसकी नादानी की सजा मत देना,
और बेटा जब दिल रोये तो एक बार याद जरुर करना क्युकि माँ का दिल बहुत बड़ा है,
वो सब भुला देगी, एक बार कह तो देना बेटा आप....................
5 comments:
इस नए और सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
बच्ची अक्सर ऐसी नादानी करते हैं ..अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुन्दर पोस्ट
सार्थक लेखन
नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ.
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'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
हर रविवार प्रातः 10 बजे
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nice one..
Thankyou
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