Saturday, November 16, 2013

फिर दिल उदास है, कोई अपना नहीं पास है.
कहने को तो ये सारी दुनिया अपनी है, पर कहाँ कोई अपना साथ है, 
 पीले गुलाबों की वो खुशबू जो तुमने  दिए  थे  कभी , 
समय गुजर  गया पर उन प्यारे लम्हों की कसक  साथ है,
सोचता था सब ठीक चल रहा, पर पता कहाँ था मस्ती के उन लम्हों के इस पार,
गम का शैलाब साथ है, आज फिर दिल उदास  है..... कोई अपना नहीं पास है......